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महाराष्ट्र में सरकारी योजना के विज्ञापन में मिली लापता पिता की तस्वीर, बेटा पहुंचा पुलिस के पास

By Sachiinn Bbadage

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महाराष्ट्र में सरकारी योजना के विज्ञापन में मिली लापता पिता की तस्वीर, बेटा पहुंचा पुलिस के पास

पुणे, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में एक अनोखा और भावनात्मक मामला सामने आया है। सरकारी योजना के प्रचार के लिए जारी एक विज्ञापन में एक बेटे ने अपने लापता पिता की तस्वीर देखी। यह मामला महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से जुड़ा हुआ है। इस विज्ञापन में दिखाई गई तस्वीर के बारे में पुणे निवासी भरत ताम्बे ने दावा किया है कि वह उनके पिता हैं, जो तीन साल से लापता हैं।

भरत ताम्बे ने कहा कि उन्होंने अपने लापता पिता की शिकायत शिक्रापुर थाने में दर्ज कराई थी। अब, इस विज्ञापन के जरिए उन्हें अपने पिता की जानकारी मिलने की आशा है। उन्होंने पुलिस और राज्य सरकार से इस विज्ञापन की विस्तृत जांच की मांग की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह तस्वीर किन परिस्थितियों में ली गई थी और उनके पिता कहां हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विज्ञापन

यह मामला तब सामने आया जब शिवसेना ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के पोस्टर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया। इस पोस्टर में भरत ताम्बे के पिता ज्ञानेश्वर ताम्बे की तस्वीर दिखाई दी। भरत के एक मित्र ने यह पोस्टर देखा और उन्हें इसकी जानकारी दी। भरत ने तुरंत इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और अपने पिता की पहचान की पुष्टि की।

भरत ताम्बे ने बताया, “मेरे मित्र ने मुझे इस विज्ञापन के बारे में बताया और इसका स्क्रीनशॉट भेजा। मेरे पिता पिछले तीन साल से लापता हैं। मैंने उनके लापता होने की शिकायत शिक्रापुर थाने में दर्ज कराई है। अधिकारियों और राज्य सरकार को मेरे पिता का पता लगाना चाहिए। जिस सोशल मीडिया पोस्ट में मेरे पिता की तस्वीर दिखाई दी थी, उसे अब हटा लिया गया है।”

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पिता की आदतों ने बढ़ाई मुश्किलें

भरत ताम्बे ने कहा कि उनके पिता की आदत बिना बताए रिश्तेदारों के घर जाने की थी, जिससे उन्हें खोजने में मुश्किलें आईं। “हमने शुरुआत में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी क्योंकि मेरे पिता बिना बताए रिश्तेदारों के घर जाते थे और कुछ दिनों में लौट आते थे। संभव है कि यह तस्वीर अलांडी से पंढरपुर तक की वाडी (भगवान विट्ठल श्रद्धालु पैदल यात्रा) में ली गई हो।”

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पुलिस ने शुरू की जांच

शिक्रापुर पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक दीपरत्न गायकवाड ने बताया कि ज्ञानेश्वर ताम्बे का पता लगाने के लिए दो टीम बनाई गई हैं। गायकवाड ने कहा, “हम पंढरपुर और अलांडी में ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि परिवार ने आशंका जताई है कि तस्वीर वाडी के दौरान ली गई हो सकती है। हम और सुराग के लिए यह भी जांच कर रहे हैं कि तस्वीर विज्ञापन में कैसे आई।”

सोशल मीडिया पर भी ध्यान आकर्षित

यह मामला एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है, जहां एक बेटे ने अपने पिता की तस्वीर को सरकारी विज्ञापन में देखकर उम्मीद की किरण देखी है। भरत ताम्बे ने पुलिस और राज्य सरकार से इस मामले की जांच में सहयोग करने की अपील की है। इस तरह की घटनाएं हमारे समाज में मानवीय संवेदनाओं को उजागर करती हैं और दिखाती हैं कि कैसे एक छोटी सी उम्मीद भी किसी की जिंदगी बदल सकती है।

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इस पूरी घटना ने सोशल मीडिया पर भी ध्यान आकर्षित किया है। लोग इस मामले को लेकर संवेदनशील और सहानुभूति भरे संदेश साझा कर रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस और राज्य सरकार किस तरह से इस मामले को सुलझाती है और भरत ताम्बे को उनके पिता के बारे में जानकारी मिल पाती है या नहीं।

Sachiinn Bbadage

Sachiinn Purandar Bbadage is a seasoned motivational trainer with 15 years of experience, inspiring over 50 lakh students. A dedicated education advocate and graduate, Sachiinn has also excelled as an article writer for the past 5 years, sharing his insights and knowledge with a broader audience.

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