Manu Bhaker Education: भारत की युवा निशानेबाज, मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज़ पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह ओलंपिक निशानेबाजी में कोई भी मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं। मनु भाकर का यह सफर न सिर्फ खेलों में उनकी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे युवाओं में शिक्षा और खेल दोनों को साधा जा सकता है।
Manu Bhaker का परिचय
मनु भाकर, हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। उनका जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। उन्होंने 14 साल की उम्र में निशानेबाजी का अभ्यास शुरू किया और अब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। मनु भाकर की उपलब्धियों की सूची काफी लंबी है, जिसमें 16 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतना शामिल है।
Manu Bhaker की शिक्षा
Manu Bhaker ने अपनी स्कूली शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ऑनर्स डिग्री हासिल की। वर्तमान में, वह पंजाब यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री कर रही हैं। यह उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह खेल के साथ-साथ अपनी शिक्षा को भी गंभीरता से ले रही हैं।
मनु की मेहनत और कड़ी training ने उन्हें कई पुरस्कार और पहचान दिलाई है। उन्हें 2020 में अर्जुन पुरस्कार मिला, और 2019 में सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। Manu Bhaker को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना (2018) में आयोजित युवा ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत का ध्वजवाहक बनने का गर्व भी प्राप्त हुआ है।
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Manu Bhaker के अन्य शौक
खेलों के अलावा, मनु भाकर को कई शौक हैं। उन्हें संगीत, पढ़ाई, पेंटिंग, स्केचिंग, नृत्य और पहेली सुलझाने का भी शौक है। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। खेल में सफलता के साथ-साथ, एक आम युवा के शौक भी उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
Paris Olympics 2024 में अगला कदम
Manu Bhaker पेरिस ओलंपिक में एक और मेडल की रेस में शामिल हुई हैं। हाल ही में हुए 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट के क्वालीफाइंग राउंड में उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ हिस्सा लिया। उनके फाइनल मुकाबले में ब्रॉन्ज़ मैडल जीतने की उम्मीद की जा रही है।
Manu Bhaker की कहानी न केवल एक सफल निशानेबाज की कहानी है, बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत भी है। उनकी शिक्षा के प्रति लगन और खेल में उपलब्धियों ने उन्हें एक रोल मॉडल बना दिया है। यह दर्शाता है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। मनु भाकर जैसे युवा खिलाड़ियों से हमें यह सीखने को मिलता है कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा और खेल दोनों का संतुलन होना आवश्यक है। उनकी यह जर्नी न केवल उन्हें बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।