First Bullet Train In India: भारत में बुलेट ट्रेन का सपना जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। देश की पहली बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलेगी, जिसे लेकर काम तेजी से प्रगति पर है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा हो जाएगा। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण परियोजना की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से।
प्रोजेक्ट की स्थिति कब तक है ?
बुलेट ट्रेन परियोजना (bullet train project) की प्रगति देखकर लगता है कि 2026 तक इसका लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। सभी सिविल अनुबंध गुजरात और महाराष्ट्र के लिए प्रस्तुत कर दिए गए हैं। इसके अलावा, 190 किमी वायाडक्ट और 321 किमी पियर का काम पूरा हो चुका है। गुजरात, डीएनएच और महाराष्ट्र में 100% जमीन का अधिग्रहण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है।
तकनीकी पहलू और विशेषताएं
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) में जेपानी शिंकानसेन ट्रैक प्रणाली पर आधारित गिट्टी रहित ट्रैक की बजाय जे-स्लैब ट्रैक (J-Slab Track System) प्रणाली का उपयोग होगा। भारत में J-Slab Ballastless Track System का पहली बार उपयोग किया जा रहा है, जो आधुनिक ट्रैक स्लैब विनिर्माण सुविधाओं का पूरी तरह से कार्यात्मक उपयोग करता है। सूरत और वडोदरा में 35,000 मीट्रिक टन से अधिक जेआईएस रेल और ट्रैक निर्माण मशीनरी के तीन सेट प्राप्त किए गए हैं।
सुरंग और पुलों का निर्माण
गुजरात के वलसाड में ज़ारोली गांव के पास 350 मीटर लंबी पहली पहाड़ी सुरंग निर्मित कर ली गई है। इसके अलावा, सूरत, आनंद और वडोदरा में 70 मीटर, 100 मीटर और 130 मीटर लंबे तीन स्टील पुल बनाए गए हैं। कुल 24 नदी पुलों में से 8 नदियों पर काम पूरा हो चुका है। इनमे शामिल है पार, पूर्णा, मिंधोला, अंबिका, औरंगा, वेंगानिया, मोहर और धाधर शामिल हैं। अन्य महत्वपूर्ण नदियां भी शामिल है जैसे की नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती पर भी काम चल रहा है।
समुद्र के नीचे सुरंग
महाराष्ट्र में BKC और Shilphata के बीच 21 किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग का काम शुरू हुआ है, जो भारत की पहली 7 किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा है। मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए शाफ्ट की खुदाई और भूमिगत/समुद्र के नीचे सुरंग के निर्माण का काम भी जारी है।
गुजरात में कार्य की प्रगति
गुजरात में बुलेट ट्रेन के काम में तेजी देखी जा रही है। वायाडक्ट की कुल लंबाई 352 किमी है, जिसमें से 338 किलोमीटर की शुरुआत हो चुकी है। गर्डरों की संख्या 5549 है और गार्डन कास्टिंग 222 किलोमीटर तक हो चुकी है।
स्टेशन निर्माण की स्थिति
गुजरात में सभी 8 बुलेट ट्रेन स्टेशनों (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती) की नींव का काम पूरा कर लिया गया है।
वापी में रेल लेवल स्लैब पूरा हो गया है। बिलिमोरा में भी प्लेटफार्म स्तर का स्लैब अब पूरा हो चुका है। ठीक ऐसे ही सूरत में भी 770/815 मीटर का प्लेटफार्म स्लैब पूरा कर लिया गया है। ऐसे ही आनंद में 820/830 मीटर का, अहमदाबाद में 60/415 मीटर, भरूच में 350/450 मीटर का रेल लेवल स्लैब पूरी तरह से निर्मित हो गया है।
Bullet train project भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल यातायात को तेज और सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा और यह भारतीय रेल के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा। उम्मीद है कि यह परियोजना समय पर पूरी होगी और देशवासियों को इसका लाभ जल्द ही मिलेगा।