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Chandipura Virus: कम उम्र के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के 78 मामले, 76 नमूनों में से नौ में चांदीपुरा वायरस

By Sachiinn Bbadage

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Chandipura Virus: कम उम्र के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के 78 मामले, 76 नमूनों में से नौ में चांदीपुरा वायरस

Chandipura Virus: केंद्र सरकार ने हाल ही में चांदीपुरा वायरस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के मामलों की समीक्षा की है। यह समीक्षा गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने एम्स, कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, निमहांस एवं अन्य केंद्रीय और राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञों के साथ इस बैठक को आयोजित किया।

मामलों की गंभीरता और संक्रमण का प्रसार

जून 2024 से इन तीन राज्यों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के 78 मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश मामले और मौतें गुजरात में हुई हैं। एनआईवी पुणे में जांचे गए 76 नमूनों में से नौ में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) की पुष्टि हुई है। यह सभी मामले गुजरात से उत्पन्न हुए थे। इस प्रकोप के कारण 28 मौतें हुई हैं, जिनमें से 5 की पुष्टि चांदीपुरा वायरस से हुई है।

विशेषज्ञों की राय और सरकार की तैयारी

विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण देश भर में एईएस मामलों के केवल एक छोटे अनुपात में योगदान करता है। उन्होंने गुजरात में रिपोर्ट किए गए एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम मामलों के व्यापक महामारी विज्ञान, पर्यावरण और कीट विज्ञान संबंधी अध्ययनों की जरूरत पर जोर दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को वायरल इंसेफेलाइटिस और Chandipura Virus के संदिग्ध मामलों की मौजूदा स्थिति पर उठाए गए कदमों की समीक्षा की और राज्य सरकार द्वारा हर तहसील में एक बड़ा अभियान शुरू करने की घोषणा की।

Chandipura Virus का विवरण

Chandipura Virus रैबडोविरिडे परिवार का सदस्य है। यह विशेष रूप से पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी भारत में मानसून के मौसम के दौरान प्रकोप का कारण बनता है। यह रेत मक्खियों और टिक्स जैसे रोग वाहकों के माध्यम से फैलता है। चांदीपुरा वायरस के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। स्वच्छता और जागरूकता ही इस बीमारी की रोकथाम का एकमात्र उपाय है।

मामलों की विस्तृत जानकारी

जून 2024 की शुरुआत से ही गुजरात में 15 साल से कम आयु के बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामले सामने आ रहे हैं। बीस जुलाई 2024 तक एईएस के कुल 78 मामले सामने आए हैं जिनमें से 75 मामले गुजरात के 21 जिलों/निगमों से, दो मामले राजस्थान में और एक मामला मध्य प्रदेश से है। इनमें से 28 मरीजों की मौत हो गई है। एनआईवी पुणे में जांच किए गए 76 नमूनों में से 9 में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है। इससे जुड़ी 5 मौतें गुजरात में ही हुई हैं।

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जागरूकता और बचाव के उपाय

इस Chandipura Virus के प्रकोप से निपटने के लिए सरकार ने जागरूकता फैलाने और स्वच्छता को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। नियमित रूप से हाथ धोना, पानी उबालकर पीना, और घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखना जैसे उपाय इस बीमारी से बचाव में मदद कर सकते हैं। सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी तरह के लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें। इसके साथ ही, राज्य सरकारें विभिन्न उपायों को लागू कर रही हैं ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।

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केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस महामारी का मुकाबला कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सही समय पर उचित कदम उठाने से इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, जनता को भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी होगी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करना और समय-समय पर अपडेट्स के लिए सतर्क रहना बेहद महत्वपूर्ण है।

Sachiinn Bbadage

Sachiinn Purandar Bbadage is a seasoned motivational trainer with 15 years of experience, inspiring over 50 lakh students. A dedicated education advocate and graduate, Sachiinn has also excelled as an article writer for the past 5 years, sharing his insights and knowledge with a broader audience.

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