दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने एक बड़ा कदम उठाकर उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट उस समय आई है, जब उनकी जमानत पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। आइए, जानते हैं इस पूरी स्थिति के बारे में विस्तार से।
सीबीआई की यह चार्जशीट दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ी कथित अनियमितताओं की जांच का हिस्सा है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई का दावा है कि चार्जशीट दाखिल करने से पूर्व, दिल्ली आबकारी नीति के कथित दुरुपयोग की विस्तृत जांच की गई। इस तरह के गंभीर आरोपों के कारण अरविंद केजरीवाल की कानूनी स्थिति काफी कमजोर हो गई है।
Arvind Kejriwal के खिलाफ सुनवाई
आज की सुनवाई बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जज नीना बंसल कृष्णा द्वारा सुनवाई की जाएगी। यह सुनवाई अरविंद केजरीवाल के लिए एक मोड़ साबित हो सकती है। जिनके पास इस मामले में काफी सवाल थे, अब उनकी उम्मीदें कोर्ट के निर्णय पर टिकी हुई हैं। जमानत की सुनवाई के दौरान, सीबीआई ने केजरीवाल की याचिका का कड़ाई से विरोध करते हुए उनकी गिरफ्तारी को कानून सम्मत ठहराया है।
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वहीं, पिछले महीने 26 जून को सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिससे विवाद और बढ़ गया है। अर्जुन गुप्ता की अगुवाई में सीबीआई ने यह कदम उठाया था, जिसके बाद कार्रवाई को उचित मानते हुए अपने दावे को बनाए रखा। देश में ऐसा माहौल बनता जा रहा है, जिसमें राजनीति और कानून एक-दूसरे से काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं।
इसके साथ ही, आप पार्टी (AAP) के नेताओं ने इस चार्जशीट को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण बताया है। पार्टी ने इसे केंद्र सरकार की “राजनीति” के रूप में पेश किया है और कहा है कि यह एक चाल है जिसे विधायकों और विपक्षी नेताओं को डराने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। आप की ओर से कहा गया है कि यह सब एक सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है ताकि केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुँचाया जा सके।
बात करें चार्जशीट में दर्ज आरोपों की, तो इसमें दिल्ली आबकारी नीति में गड़बड़ियों का जिक्र किया गया है, जिसे सीबीआई और ईडी ने बड़े स्तर पर कथित वित्तीय गड़बड़ी के सबूत के रूप में प्रस्तुत किया है। अब देखना यह होगा कि दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय देता है और क्या अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल पाएगी या नहीं।
इस पूरे प्रकरण में आम जनता की नजरें भी इस बात पर टिकी हैं कि क्या मुख्यमंत्री अपनी सच्चाई साबित कर पाएंगे या फिर यह मामला वाकई में कानून की दृष्टि से उन्हें दिक्कत में डाल देगा।