Meri Ladli Behen Yojana: महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’ भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है। इस योजना का उद्देश्य गरीब महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देना है। परंतु, अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है कि इस योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतें आने लगी हैं। महिलाएं, जो इस योजना के तहत अपना नाम पंजीकृत करवाने गईं, वे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा घूसखोरी का शिकार हो रही हैं।
Meri Ladli Behen Yojana की शुरुआत
‘Meri Ladli Behen Yojana’ महाराष्ट्र सरकार द्वारा सोमवार को शुरू की गई। इसके तहत पात्र महिलाएं 15 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। वित्त मंत्री अजित पवार ने इस योजना की घोषणा बजट में की थी। योजना के तहत 21 से 65 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। लेकिन, महिलाओं को पंजीकरण के दौरान अधिकारियों को रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
पंजीकरण में रिश्वतखोरी
महिलाओं से 30 से 60 रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है। Meri Ladli Behen Yojana का लाभ उठाने के लिए जब महिलाएं अधिकारियों से संपर्क करती हैं, तो उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं। योजना के बाद से हर दिन दफ्तर के बाहर सैकड़ों महिलाओं की कतारें लग रही हैं। यदि आरोप सही हैं, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन कितने लाख रुपये की काली कमाई हो रही है। इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसके बाद सरकार ने अधिकारी शेलके को निलंबित कर दिया है।
मध्य प्रदेश से प्रेरित Meri Ladli Behen Yojana
यह योजना मध्य प्रदेश सरकार की इसी तरह की योजना से प्रेरित है। योजना के तहत महाराष्ट्र की उन महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे, जिनके परिवार की सालाना आय ढाई लाख से कम है और जिनकी उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच है।
चुनावी मास्टरस्ट्रोक या जनता को छलावा?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले शुरू की गई यह योजना महायुति सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक मानी जा रही है। भले ही इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री अजित पवार ने की हो, लेकिन इसके शिल्पकार खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इस Meri Ladli Behen Yojana को महाराष्ट्रभर में महिलाओं से जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। सरकारी दफ्तरों के बाहर महिलाओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। परंतु, इसी के साथ-साथ भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कोई अधिकारी महिलाओं से रिश्वत लेते पाया गया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। इस योजना से सरकार की तिजोरी पर 46000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। विपक्ष ने इस योजना को एक चुनावी शिगूफा करार दिया है। विपक्ष के अनुसार, राज्य की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और ऐसी लोकलुभावन योजनाओं से स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।
जनता की उम्मीदें और सरकारी जिम्मेदारी
इस योजना से जहां गरीब महिलाओं में आशा की किरण जगी है, वहीं सरकारी अधिकारियों की रिश्वतखोरी से उनका विश्वास डगमगा रहा है। सरकार का यह दायित्व है कि वह इस योजना को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ लागू करे, ताकि जरूरतमंद महिलाओं को उनका हक मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे और इस योजना को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।